कितनी ही याद आएगी तेरी, एक दिन भूल जाऊंगा, देखना अब मैं कभी लौटकर नहीं आऊंगा। जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा। बस मेरी ही तन्हाई उसे दिखाई नहीं देती। आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं https://youtu.be/Lug0ffByUck