पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई https://shiv-chalisa-lyrics-in-hi08701.iyublog.com/29279965/shiv-chalisa-lyrics-pdf-an-overview